रिश्वतखोरी मामले में एडवोकेट नितिन लांडगे को मिली अस्थायी जमानत, पीए समेत चार लोगों को मिली न्यायिक हिरासत

Bribery Case :रिश्वतखोरी मामले में एडवोकेट नितिन लांडगे को मिली अस्थायी जमानत, पीए समेत चार लोगों को मिली न्यायिक हिरासत…

पिंपरी. ठेकेदार (Contractor) से घूस लेते हुए पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri Chinchwad Municipal Corporation) स्थायी समिति सभापति (Standing Committee Chairman) एडवोकेट नितिन लांडगे (Advocate Nitin Landge) के पीए को रंगेहाथ पकड़ने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) (एसीबी) ने सभापति और उनके पीए समेत पांच महानगरपालिका कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।सोमवार को उनके पुलिस कस्टडी की मियाद खत्म होने के बाद उन्हें पुनः अदालत में पेश किया गया। यहां अदालत ने एडवोकेट लांडगे को 26 अगस्त तक अस्थायी जमानत मंजूर की जबकि उनके पीए समेत चार लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। एडवोकेट लांडगे को अस्थायी जमानत उनके घरेलू कार्य के लिए मंजूर की गई है।पिछले सप्ताह बुधवार को एसीबी ने 1 लाख 18 हजार रुपये की रिश्वत के मामले में स्थायी समिति सभापति एडवोकेट नितिन ज्ञानेश्वर लांडगे, उनके पीए और महानगरपालिका के मुख्य लिपिक ज्ञानेश्वर किसनराव पिंगले (56), लिपिक विजय शंभुलाल चावरिया (38) कम्प्यूटर ऑपरेटर राजेंद्र जयवंतराव शिंदे (51), और चपरासी अरविंद भीमराव कांबले (50) को गिरफ्तार किया था। शनिवार को उनकी पुलिस कस्टडी दो दिन के लिए बढ़ा दी गई थी। कस्टडी की मियाद खत्म होने के कारण आज उन्हें पुनः अदालत में पेश किया गया।

एसीबी की कार्रवाई के बाद समर्थक नगरसेवकों में बढ़ी बेचैनीअदालत में एसीबी की ओर से सरकारी पक्ष ने एडवोकेट लांडगे के पीए ज्ञानेश्वर पिंगले की शिकायत कर्ता ठेकेदार से कही गई उस बात, जिसमें कमीशन के पैसे ऊपर 16 सदस्यों को देने होते हैं कहा गया था, की जांच के लिए आरोपियों के लिए पुनः कस्टडी की मांग की थी। हालांकि अदालत ने सभी को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इस बीच घरेलू कार्य के लिए उपस्थिति के लिए स्थायी समिति सभापति नितिन लांडगे ने जमानत की अर्जी दी थी, जिस पर अदालत ने उन्हें 26 अगस्त तक अस्थायी जमानत मंजूर की है। जबकि अन्य चारों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।गौरतलब है कि, शिकायतकर्ता ठेकेदार ने महानगरपालिका के आकाशचिन्ह अनुज्ञप्ति विभाग द्वारा जारी की गई होर्डिंग्स लगाने की टेंडर प्रकिया में हिस्सा लिया था। उसने 28 टेंडर सबसे कम दर में भरे। टेंडर मंजूरी के बाद भी उसे वर्क ऑर्डर नहीं मिलने से ठेकेदार ने स्थायी समिति सभापति नितिन लांडगे और उनके पीए ज्ञानेश्वर पिंगले से मुलाकात की। वर्क ऑर्डर के करारनामा पर हस्ताक्षर करने के लिए 28 टेंडर की रकम का तीन फीसदी हिस्सा यानी 10 लाख रुपए मांगी गई। बाद में बात दो फीसदी यानी छह लाख रुपए पर तय हुई। इसमें से एक लाख 18 हजार रुपए स्वीकरते हुए उक्त कर्मचारियों को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 18 अगस्त को रंगेहाथ पकड़ लिया। जिसमें स्थायी समिति सभापति नितिन लांडगे की सहभागिता पाए जाने से उनके साथ उक्त कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम की धारा 7, 7 ए, 12 के तहत मामला दर्ज किया गया।

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